एक दिन उसने मुझसे कहा- बहुत दिन हो गए, अब मिलना चाहोगी?
मैंने पूछा- कहां और कैसे?
तो वो बोला- मुझे अपने शहर का नाम बताओ, मैं आ जाऊंगा.
मैंने मना कर दिया.
फिर अगले दिन मेरे पति ने मुझे बताया कि उनकी अब नाईट शिफ्ट होगी.
कुछ दिन बीत गए, मुझे चुदने का बहुत मन था. मुझे जयेश की याद आई. मैंने उससे बात की.
पूछने पर पता चला कि वो मेरी ही सिटी से हैं.
मैंने उसे बताया कि मेरे पति की नाईट शिफ्ट है, तो हम रात में ही मिल सकते हैं. वो भी तुम्हारी ही जगह पर.
वो बोला- मैं अकेला रहता हूँ, तुम मेरे घर आ सकती हो.
तो मैंने उससे बोला- रात 11 बजे आ जाना मुझे लेने.
वो मान गया.
मैंने उसे अपने घर का पता बताया और कॉल करने पर आ जाने को कहा.
रात में मेरे सास ससुर के सोने के बाद मैंने उसको कॉल किया. उसने दस मिनट में आने का कहा. मैं बेसब्री से उसका इंतजार कर रही थी.
करीब 11 बजे उसका फ़ोन आया. मैं चुपचाप खिड़की से बाहर आ गई. वो बाइक पर था. मैंने उस दिन पीली साड़ी पहनी थी. मैंने देखा वो 22 साल का एक जवान लड़का था. उसकी बॉडी एकदम अच्छी मस्क्युलर थी.
मैंने उसे देखते ही स्माइल दी और जल्दी से बाइक पर उसके पीछे बैठ गई. उसने अगले ही पल बाइक को रफ्तार दे दी. हम दोनों उसके घर पहुंचे और अन्दर आ गए. उसका घर बहुत अच्छा था.
उसने दरवाजा बंद किया और आकर सीधे मुझसे लिपट कर मुझे किस करने लगा. मैं भी उसके साथ लग गई.
थोड़ी देर बाद उसने मुझे गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया. कमरे में आकर उसने मुझे बेड पर फेंक दिया. मैंने देखा कि उसका बेड बिल्कुल सुहागरात की तरह सजा हुआ था.
उसने अपनी शर्ट को खोला, तो मैं खुश हो गई. उसकी बॉडी बहुत अच्छी लगी. फिर उसने मेरी साड़ी उतारी और मेरी गर्दन पर चूमने लगा, मैं मदहोश सी हो गई.
आज सच में मुझे ऐसा लग रहा था, मैं पहली बार किसी मजबूत मर्द के साथ हूँ.
उसने मेरे करीब आकर मेरी ब्रा के अन्दर हाथ डाला और मैंने उसकी पैंट खोल दी. उसका लंड कब से आज़ाद होने को तरस रहा था. मैंने उसके लंड को आज़ाद कर दिया. लंड क्या था … कोई बड़ा सा सांप की तरह था. कोई 8 इंच का लंड अब बाहर फनफना रहा था. मैंने लंड सहलाते हुए उसकी आँखों में देखा. उसने आँख दबा कर लंड चूसने का इशारा कर दिया.
मैंने उसके लंड को सीधे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. उसे भी लंड चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अनुभवी रंडी की तरह उसका लंड चूस रही थी.
कुछ देर बाद उसने मेरे बाल पकड़े और धक्के देकर मेरा मुँह चोदने लगा. मैं पूरे मज़े में उसका लंड चूस रही थी. कुछ देर बाद उसने पूरे झटके से अपना माल मेरे मुँह में छोड़ दिया. उसके वीर्य से मेरा पूरा मुँह भर गया. मैं उसे पूरा पी गई. उसका वीर्य बड़ा ही स्वादिष्ट था. मुझे इतना टेस्टी माल आज पहली बार पीने को मिला था. मुझे इतना अच्छा लगा कि मैं उसके लंड के झड़ जाने के बाद भी उसे काफी देर तक चूसती रही. मेरे लगातार चूसे जाने से उसका लंड फिट से गर्म होने लगा था.
इसके बाद उसने मेरा ब्लाउज और ब्रा को निकाल दिया और मेरी पेंटी भी खोल दी.
एक पल के लिए उसने मेरे जोबन को देखा और मेरी चूची की नोकों को मींजता हुआ बोला- मस्त नोकें हैं.
मैं मुस्कुरा दी.
वो चित लेट गया और लंड सहलाने लगा. उसका इशारा पाते ही मैं उसके ऊपर बैठ गई. उसका लंड फिर से खड़ा हो गया. उसने मेरी चुत पर थूक लगा कर लंड फिट कर दिया … और उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे मजा आ गया था … मैं ऊपर नीचे होकर उसका साथ देने लगी. उसका पूरा लंड मेरी चुत में घुस रहा था और वो पूरे मजे में था.
फिर एक झटके में वो खड़ा हो गया. उसने मुझे अपनी गोद में ले लिया था. उसका लंड अब भी मेरी चुत में घुसा हुआ था. उसने मुझे दीवार से चिपका दिया. फिर लंड निकाल कर मेरी एक टांग ऊपर करके मेरी चुत में फिर से लंड घुसा दिया और धक्के देने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं सिसकारियां निकाल रही थी और मजे से चुद रही थी.
वो भी बोल रहा था- जानेमन, जिस दिन से तेरी कहानी पढ़ी है, उस दिन से तुझे चोदना चाहता था … सच में बहुत मस्त माल है तू.
उसने मेरा झूलता हुआ पेटीकोट उतार दिया और में पूरी नंगी हो गई. अब उसने मुझे फिर से बेड पर पटक दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ गया. वो मेरी चुत पर धक्के लगाने लगा.
थोड़ी देर में वो झड़ गया और मैं भी निकल गई. उसका पूरा माल मेरी चुत में खाली हो गया.
मैं बहुत खुश हो गई थी. वो मेरे पास गिर गया, बहुत थक गया था. मैं भी उसकी बांहों में सो गई.
घंटे भर बाद उसने मुझे उठाया और मेरे मुँह में लंड दे दिया. मैं फिर से पागलों की तरह लंड चूसने लगी. उसने मुझे अब उल्टा किया और मेरी गांड में लंड घुसा दिया. उसका खड़ा लौड़ा मेरी गांड में घुस रहा था, मैं मजे में थी.
उसके धक्के ओर तेज़ होते जा रहे थे. तभी उसने मुझे सीधा किया और मेरे मम्मों के बीच में लंड घुसा दिया.
वो बेहद गर्म हो गया था. उसने 5-6 धक्के के साथ ही लंड को झड़ जाने दिया. मेरी चूचियों से होता हुआ उसका वीर्य मेरे मुँह की तरफ आ रहा था. मैं उसके लंड पर लगे हुए माल को चाट रही थी.
वो हंस रहा था और बोला- रंडी है रे … तू तो अभी तक प्यासी है.
मैं भी हंसने लगी और हम दोनों लिपट कर सो गए.
फिर 3 बजे मैंने उसे उठाया और हमने फिर चुदाई की.
कोई 4 बजे में तैयार हो गई. उसने मुझे घर छोड़ दिया. वो बहुत खुश था.
फिर कुछ दिन बाद हमने फिर से मिलने की सोची. वो रात में मुझे लेने आया हम उसके घर आ पहुंचे.
उसने मुझे उठा लिया और बेडरूम तक आते आते मेरे सारे कपड़े खोल दिए और अपने भी. मुझे बेड पर बिठा दिया. मैंने उसके लंड को देखा, वो पहले से बड़ा दिख रहा था. मैंने मुँह में लंड ले लिया और चूसना शुरू कर दिया. मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. उसने फिर मेरे मुँह को चोदा और माल छोड़ दिया. मैंने वो पी लिया.
फिर उसने मेरी टांगें खोलीं और बीच में चुत पर थूक लगाकर लंड घुसा दिया. मैंने उसे टाइटली जकड़ लिया और उसने धक्के लगाए. फिर मुझे उठा कर दीवार के सहारे उल्टा चिपका कर मेरी गांड में लंड घुसा दिया.
मैं ‘आहहह..’ किए जा रही थी. उसे बहुत जोश आ रहा था. वो और बुरी तरह से मेरी गांड चोदने लगा. पर मैं खिलाड़ी बनकर पूरे मजे ले रही थी.
फिर वो बेड पर लेट गया और मैं उसके ऊपर चढ़ गई और ऊपर नीचे होकर उसका साथ देने लगी.
कुछ देर बाद उसने मुझे लिटा दिया और धक्के देकर सारा माल मेरी चुत में छोड़ दिया. हमने पूरी रात अलग अलग पोजीशन में चुदाई की.