रास्ते में मिली एक हसीं लड़की

एक बार मैं अपनी ड्यूटी खत्म करके रात को 11 बजे घर वापिस आ रहा था तो अलीपुर से आगे (बाई पास की तरफ) मुझे एक गाड़ी खड़ी नजर आई। जैसे ही मैं गाड़ी के नजदीक आया तो मैंने आपनी बाइक धीरे की तो गाड़ी के साथ एक महिला खड़ी हुई नजर आई।

मैंने पूछा- मैडम, क्या हुआ?

तो उसने कहा- शायद गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो गया है।

मैंने कहा- यहाँ पर तो आसपास कोई पेट्रोल पम्प नहीं है, क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ?

उसने मदद लेने से इंकार कर दिया। 

मैंने कहा- मैडम, इतनी रात को कौन आपकी मदद करेगा।

तो वो कहने लगी- नहीं, कोई बात नहीं, आप जाओ, मैं कुछ ना कुछ कर लूंगी।

तो मैंने कहा- नहीं मैडम। पैट्रोल तो आपको यहाँ नहीं मिल सकता ! हाँ अगर आपके पास कोई बोतल हो तो वो मुझे दो, मैं कुछ इन्तजाम कर देता हूँ।

तो उसने कहा- हाँ, गाड़ी में पानी की बोतल है।

फिर।

उसने गाड़ी से निकाल कर पानी की खाली बोतल मुझे दे दी और कहने लगी- आपको ज्यादा कष्ट करने की जरुरत नहीं, मैं अपने आप चली जाउँगी।

मैंने कहा- मैडम, इसमें कष्ट की क्या बात है? 

अपनी बाइक से पेटोल निकलने लगा! तो वो मेरे पास आकर कहने लगी- मैंने सोचा था कि आप पेट्रोल पम्प से पेट्रोल लेने के लिये जाओगे, इसलिये मैंने आपको मना कर दिया था। 

मैंने कहा- कोई बात नहीं। और मैंने पेट्रोल को बोतल में भरकर उनको कहा- आप अपनी गाड़ी का ढक्कन खोलो !

तो उसने गाडी के पेट्रोल टैक का ढक्कन खोल दिया और मैंने बोतल से उसकी गाड़ी में पेट्रोल डाल दिया और फिर वो मेरे पास आकर बात करने लगी। उसने कहा- मेरा नाम जया है !

मैंने अपना नाम नीतीश बताया और बोतल में पेट्रोल भर कर गाड़ी में डाल दिया।

उसके बाद हम दोनों उसकी गाड़ी के पास खड़े होकर बात करने लगे। मुझे उसके साथ बात करते-2 जया के मुँह से शराब की बू आई क्योंकि हम अब काफी नजदीक खड़े होकर बात कर रहे थे।

मैंने कहा- जया जी, आप ड्रिन्क करती हैं क्या ?

तो जया बोली नहीं तो !

मैंने कहा- फिर आपके मुँह से बू क्यों आ रही है।

अपने दोस्तों के कहने पर थोड़ी सी ले ली और कुछ नहीं।

मैंने देखा कि रात के 12 बज चुके हैं तो मैंने कहा- जया जी, आप अब अपने घर जाइए, मैं भी अपने घर जाता हूँ।

जया कहने लगी- ठीक है ! ओर उसने पूछा आपके घर में कौन कौन है?

मैंने कहा- मैं अकेला ही रहता हूँ ! और आप जया जी?

जया ने कहा- जय, मैं रोहिणी में रहती हूँ और मेरे साथ मेरे पति रहते हैं वो ज्यादतर काम के कारण बाहर ही रह्ते हैं।

मैंने कहा- जया जी अब घर चलते हैं !

तो जया ने कहा- जय, अपना फोन नम्बर तो दे दो !

मैंने कहा- किसलिये ?

तो जया ने कहा- क्यों? नहीं देना चाहते?

मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं ! और मैंने अपना फोन नम्बर जया को दिया और हम दोनों चल दिये। एक दूसरे को बाय किया और अपने-2 घर चल दिये।

अगले दिन दस बजे जया का फोन आया- नीतीश कहाँ पर हो?

मैंने कहा- अभी तो घर पर हूँ !

जया कहने लगी- आज मुझसे मिल सकते हो ?

तो मैंने कहा- नहीं, आज नहीं ! फिर कभी !तो जया कहने लगी- नहीं, आज आप मेरे घर पर मिलो !

मैंने कहा- नहीं जया जी ! आज मैं नहीं आ सकता !

तो जया कहने लगी- नहीं नीतीश ! आज आपको आना ही पड़ेगा !

मैंने कहा- नहीं जया ! आज नहीं फिर कभी सही ! ओके ?

और मैंने फोन रख दिया। उसके बाद मैं नहाने के लिये चला गया और मैं 15 मिनट के बाद मैं जैसे ही देखता हूँ कि मेरे फोन पर 15 मिस काल हैं जया जी की। मैंने जैसे ही काल किया तो जया बोली- नीतीश आप बात नहीं करना चाहते तो बोल देते !

मैंने कहा- जया जी, मैं तो नहाने के लिये गया था ! तो फोन कैसे उठाता ? मैं तो अपने काम पर जाने के लिये तैयार हो रहा था। मैंने तो आपको पहले ही मना कर दिया था तो आप क्यों बार-2 फोन कर रही हैं?

यह कहकर मैंने फोन रख दिया।

मैं जैसे ही घर से निकला तो जया का फिर से फोन आ गया।

मैंने झुंझलाहट मैं कहा- जया जी, आपको मुझसे क्या चाहिये ? मैं तो आपसे परेशान हो गया ! बोलो, मैं आपके लिये क्या कर सकता हूँ ? बोलो ?

जया कहने लगी- नहीं, आज ही मिलो !

तो मैंने कहा- ठीक है ! अपना पूरा पता दो ! मैं आपसे अभी एक घन्टे बाद आकर मिलता हूँ !

जया ने अपना पता बताया। उसके बाद मैं थोड़ी देर के लिये अपने काए पर गया और उसके बाद रोहिणी, जया के घर, पहुँचकर मैंने घण्टी बजाई तो जया ने दरवाज़ा खोला और देखते ही बोली- जय, आप आ गये ! आओ अन्दर।

जया ने दरवाज़ा बन्द किया और मैं भी जया के साथ अन्दर आ गया।

उसने मुझे बैठने के लिये कहा और मेरे लिये पानी लेकर आई। मैंने पानी पीने के बाद कहा- जया जी, आपको मुझसे क्या काम है जो आप इतना परेशान हैं?

जया ने कहा- नीतीश मैं अपने पति से खुश नहीं हूँ !

मैंने कहा- मैं क्या कर सकता हूँ आपके लिये?

तो जया ने कहा- मैं आपके साथ सेक्स करना चहाती हूँ !

मैंने कहा- मैं एक काल बोय हूँ और अपने काम की फीस लेता हूँ ! और अपने बारे में जया को सब कुछ बताया तो जया ने कहा- मुझे मन्जूर है, आप जो भी लोगे, मैं देने के लिये तैयार हूँ !

मैंने कहा- जया जी, अब मैं चलता हूँ, ड्यूटी के लिये लेट हो जाउँगा !

तो जया ने कहा- नहीं नीतीश ! आज मैं अकेली हूँ, दोनों मजा करते हैं !

मैंने कहा- नहीं !

तो जया नाराज होने लगी, कहने लगी- जय, आप मेरे लिये एक दिन की छुट्टी नहीं ले सकते ?

मैंने कहा- नहीं जया जी ! ऐसी कोई बात नहीं ! मैं आपको रात को 10-30 बजे मिलता हूँ ! ड्यूटी खत्म करके आता हूँ !

मेरे इतना कहते ही जया के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई और मुझे अपनी बाहों में भर लिया, मैंने भी उनका साथ देते हुए अपने होंठ जया के होंठों पर रख दिये और एक लम्बा सा चुम्बन लिया और बाय करके ड्यूटी के लिये निकल गया।

उसके बाद मैं अपनी ड्यूटी जल्दी खत्म करके जल्दी से निकल गया क्योंकि मैंने अपने रिलीवर को जल्दी आने के लिये बोल दिया था। और मैं 9-00 बजे कुन्डली से निकल गया।

ठीक 9-25 पर मैंने जया के घर पर घण्टी बजाईं तो जया ने जल्दी से दरवाज़ा खोला और बहुत ही जल्दी से बन्द करके मुझसे लिपट गई और मुझे चूमने लगी।

मैं भी जया का साथ देने लगा। बस फिर क्या था, तूफान तो दोनों तरफ उठ रहा था और हम दोनों इक-दूजे को मसलते रहे और चूमते रहे।

8 से 10 मिनट तक हम दोनों लगे रहे, उसके बाद मैंने कहा- जया जी, कुछ खाने पीने के लिये तो होगा !

जया ने कहा- नीतीश आपने भी क्या बात कर दी? मैंने पहले से ही तैयारी करके रखी हुई है।

बस फिर टेबल पर जया ने सारा समान तुरन्त ही लगा दिया और दो बहुत ही बड़े-बड़े पैग बनाये, हम दोनों ने चियर किया और अपना अपना पैग खत्म किया। दोनों ने एक दूसरे को चूमा और थोड़ा सा खाया जो भी खाने के लिये जया ने रखा था।

और फिर हम दोनों आपस में लिपट गये और एक दूसरे के अंगों को मसलने लगे। 5 से 10 मिनट तक हम दोनों आपस में लिपटे रहे।

फिर मैंने कहा- जया, एक-एक पैग और हो जाये ! पर हल्का-हल्का !

जया बोली- नीतीश यार, आप कम पीते हो क्या?

मैंने कहा- जया, मैं बहुत ही कम लेता हूँ !

तो कहने लगी- ठीक है !

फिर जया ने दो पैग बनाये और फिर वही बड़े-बड़े और हम दोनों ने खत्म किये।

मैं कहने लगा- जया, मुझे बहुत भूख लगी है !

जया ने कहा- हाँ क्यो नहीं ! अभी दो मिनट में खाना लगाती हूँ।

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