मेरी एक छोटी सी दुकान थी, जहाँ शालिनी अक्सर आती थी. हमारी बातचीत में धीरे-धीरे मजाक और हंसी बढ़ती गई. एक दिन, मैंने उसके साथ कुछ ज्यादा ही मजाक किया और उसके दूध को दबा दिया. उसने हंसते हुए मना कर दिया, लेकिन मैंने फिर से कोशिश की. इस तरह हमारे बीच एक अजीब सी खींचातानी शुरू हो गई.
एक दिन, जब वह मेरे घर आई, मैंने उसे किस कर लिया और उसके दूध को दबाया. वह भी मेरे गले लग गई. हम दोनों ने कई बार ऐसे ही चुम्बन किए और एक-दूसरे के शरीर को महसूस किया. शालिनी के दूध धीरे-धीरे बड़े होते गए, और हमारी नजदीकियां भी बढ़ती गईं.
एक दिन, मैंने उसे एक होटल में ले जाने का प्लान बनाया. शालिनी ने भी हामी भर दी. हम दोनों एक मॉल में मिले, जहाँ उसने अपनी ड्रेस चेंज की. फिर मैंने उसे अपनी बाइक पर बिठाया और एक होटल में ले गया.
होटल के कमरे में, मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और शालिनी को किस करना शुरू किया. हम दोनों ने लगभग आधे घंटे तक चुंबन किया. मैंने उसके दूध को दबाया और उसके शरीर को सहलाया. फिर मैंने अपनी पैंट उतार दी और उससे कहा, मेरी चड्डी उतार कर लंड को चूसो. उसने मना कर दिया, लेकिन मैंने उसे मना लिया.
मैंने कहा, चलो, मैं बर्थडे केक मंगवाता हूँ. उसे लंड पर लगाकर चाट लेना. उसने हामी भर दी. मैंने केक मंगवाया और उसके लंड पर क्रीम लगाई. वह मजे से लंड चाटने लगी. मैंने उसके मुंह में लंड डाल दिया और वह चूसती रही.
फिर मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए. उसकी टी-शर्ट और पैंट उतारकर, मैंने उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी. वह मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी, शर्माते हुए. मैंने उसे गले लगाया और चूमना शुरू किया. उसके दूध को दबाते हुए, मैंने उसके पूरे शरीर पर केक लगाया और चाटना शुरू किया.
अंत में, मैंने उसकी चूत चाटी. वह कामुकता से सिसकारने लगी. मैंने उसकी चूत को चाटते हुए उसे गर्म किया. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया. उसकी कुंवारी चूत में लंड घुसाने में थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन मैंने उसे सहलाते हुए समझाया.
धीरे-धीरे, वह मजे लेने लगी. हम दोनों ने कई पोजिशन में चुदाई की. मैंने उसकी चूत में अपना माल छोड़ दिया. वह निढाल होकर लेट गई, और मैं भी थोड़ी देर लेटा रहा.
कुछ देर बाद, हम दोनों ने फिर से चुदाई की. इस बार, हमने बाथरूम में चुदाई की. मैंने शॉवर चालू किया और हम दोनों ने कुत्ता-कुतिया के पोज में चुदाई की. वह मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी और मैंने उसके मुंह में ही अपना माल छोड़ दिया.
फिर हम दोनों नहाए और कपड़े पहनकर कमरे से बाहर निकले. शालिनी ने मुझे गले लगाया और किस किया. मैंने पूछा, चुदाई कैसी रही? उसने हंसकर कहा, मजा आ गया. अब ऐसे ही टाइम निकालकर चुदाई के लिए आया करना.
हम दोनों बाइक से मॉल वापस आए. शालिनी ने चेंजिंग रूम में कपड़े बदले, और मैंने उसे उसके घर के पास छोड़ दिया. मैं भी अपने घर चला गया.
हमारी ये मुलाकातें जारी रहीं. हम दोनों एक-दूसरे के साथ मजे लेते रहे. शालिनी की खुशी देखकर मुझे भी बहुत अच्छा लगता था. हमारे बीच जो भी खींचातानी थी, वह धीरे-धीरे एक गहरी दोस्ती में बदलती गई. हम दोनों ने एक-दूसरे के साथ बहुत कुछ सीखा और समझा. यह एक अनोखी कहानी थी, जिसमें हमारी दोस्ती और प्यार दोनों ही शामिल थे.