सफर में मिली सेक्सी रंडी

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम करण है। मैं 35 साल का हूँ, और एक डॉक्टर हूँ। मेरी बहुत सारी चुदाई की कहानियाँ हैं। मैंने सोचा आज एक शेयर करूँ।

यह कुछ 5 साल पहले की बात है। मैं 30 साल का था। बंगलोर में काम कर रहा था। किसी काम से, एक बार मुंबई जा रहा था, और मैं अपनी गाड़ी में ही जा रहा था।

दोपहर 3 बजे निकला था मैं, और प्लान था कि लगातार 14 घंटे ड्राइव करके मुंबई अगली सुबह तक पहुँच जाऊँगा। 7 घंटे ड्राइव करने के बाद कोल्हापुर तक पहुँचा था मैं। वहीं पर एक धाबे में डिनर कर लिया।

रात के 10 बज रहे थे। फिर से मुंबई की तरफ सफर शुरू करने का सोच रहा था। खाने के बाद थोड़ी सुस्ती आई हुई थी। तो सोचा थोड़ा वहीं गाड़ी में रेस्ट कर लूँ।

रेस्ट कर रहा था, तभी दूर टोल के पास देखा, एक लड़की इशारे करते हुए खड़ी थी। लगा कोई रंडी ही होगी। सोचा वैसे भी रेस्ट कर रहा हूँ, तो थोड़ा मजा ले लेता हूँ। फिर गाड़ी उसके पास लेकर गया, और रोक दी।

वो लड़की दिखने में ठीक-ठाक थी, चूचे मस्त बड़े थे, फिगर 36-24-36 था। वो लड़की मेरी गाड़ी के पास आ गई, और पूछा क्या चाहिए?

मैं: मजे देने का कितना लोगी?

लड़की: 10 हजार लूँगी।

मैं: अरे, मुझे कुछ ज्यादा नहीं करना है। मेरे पास सिर्फ 30 मिनट का टाइम है। कुछ देर के लिए मुँह में लेकर मजे दे, बस। एक हजार दूँगा, चलेगा?

लड़की: 2 हजार लूँगी साब। उससे कम में नहीं होगा।

मैं: ठीक है, लेकिन पानी निकलने तक मुँह में लेना होगा, और पानी भी मुँह में ही निकालूँगा। चलेगा?

लड़की: हाँ चलेगा। कहाँ चलना है बोलो?

मैं: थोड़ी देर की तो बात है, गाड़ी में बैठो, यहीं कहीं सुनसान रास्ते पर रोक दूँगा।

वो गाड़ी में बैठ गई। मैं गाड़ी को ले जाकर हाइवे की साइड में एक कच्चे रास्ते पर रोक दिया। फिर अपनी पैंट की जिप खोल दी।

मैं: चलो लग जाओ काम पे।

उसने मेरी पैंट नीचे सरकाई, अंडरवियर भी नीचे किया, और मेरा लन्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगी। धीरे-धीरे वो लन्ड को सहलाने लगी। थोड़ी देर में मेरा लन्ड सख्त हो गया।

लड़की: काफी लंबा और मोटा है आपका।

मैं: अच्छा, मुँह में लेना शुरू कर अब।

अपनी जीभ से वो अब मेरे लन्ड को चाटने लगी, और धीरे-धीरे पूरा अपने मुँह में लेने लगी। मुश्किल हो रही थी उसको, मोटा लन्ड अंदर लेने में।

मैंने कहा: मुँह ठीक से खोल कुतिया, और अच्छे से खोल।

बोलकर उसका सर पकड़ कर पूरा अंदर दाल दिया उसके मुँह के। अब वो मस्त अंदर-बाहर कर रही थी मेरे लन्ड के साथ। मैं भी मस्त मजे ले रहा था। 10 मिनट तक किया उसने, फिर वो थकने लगी। मैंने आस-पास देखा तो कोई और नहीं था। एरिया सुनसान भी था। तो मैंने कहा-

मैं: चल रुक जा अब, इतनी जल्दी थक गई?

लड़की: थोड़ा गर्दन थक गया साब मेरा ऊपर-नीचे कर-कर के। मुझे लगा इतने में पानी निकाल दोगे आप। लेकिन आप तो लंबी रेस के घोड़े निकले।

मैंने कहा: चल बाहर निकल कर अपने घुटनों पर बैठ जा, कार से पीठ लगा कर। वैसे भी कोई नहीं है, बाहर कर सकते हैं हम।

वो बाहर जाकर, कार से पीठ लगा कर, अपने घुटनों पर आ गई। मैं उसके सामने जाकर खड़ा हो गया।

मैं: चल मुँह खोल अब। गर्दन दर्द कर रहा है न तेरा? अब तू मुँह खोल कर बैठी रह, मैं चोदता हूँ तेरे मुँह को।

और अपना लन्ड पूरा उसके मुँह में देकर, उसको जोर-जोर से चोदने लगा। बहुत मजा आ रहा था। वो मेरा लन्ड पूरा अंदर तक ले पा रही थी। बीच-बीच में उसको साँस लेने के लिए टाइम दे रहा था मैं।

फिर 10 मिनट उसके मुँह को चोदने के बाद मेरा पानी अलमोस्ट निकलने वाला था। तो मैंने उसके सर को जोर से पकड़ लिया, ताकि वो लन्ड को बाहर न निकाल पाए, और पूरा पानी उसके मुँह के अंदर छोड़ दिया। फिर थोड़ी देर उसके सर को पकड़ कर रखा, जब तक उसने पूरा पानी अंदर नहीं लिया। फिर लन्ड बाहर निकाला मैंने। उस लड़की ने पूरा पानी निगल लिया था। मैंने कहा-

मैं: चल अब अपनी जीभ से थोड़ा चाट कर दे मेरे लन्ड को साफ कर दे।

उसने अपनी जीभ से चाट-चाट कर पूरा लन्ड साफ कर दिया। दोनों फिर कार में आकर बैठ गए। मैं कार शुरू करके, वहीं टोल के पास आ गया, जहाँ से उसको उठाया था, और रुक गया। फिर उसको दो हजार दे दिए।

वो कार से उतरने लगी, तो मुझे लगा: यार अब तो मैं बहुत नींद में हूँ गाड़ी चलाने के लिए रात भर। ऐसा करता हूँ, यहीं कहीं होटल रूम लेकर सो जाता हूँ सुबह तक, और सुबह निकलूँगा मुंबई के लिए। और अगर रात भर यहीं रहना ही है, तो अकेले क्यों सोना? इस कुतिया को भी साथ में ले लेते हैं। तो मैंने कहा-

मैं: अच्छा सुन, यहाँ कहीं अच्छा होटल है पास में?

लड़की: हाँ साब, पास में ही एक होटल है।

मैं: मैं सोच रहा हूँ, रात यहीं होटल में रह जाऊँ, तू चलेगी? और 6 हजार दूँगा?

वो मान गई: ठीक है साब।

फिर वो मुझे वो होटल में लेकर गई। मैंने नहा लिया। फिर टॉवेल पहन कर बाहर चेयर पर बैठ गया। अपने लिए एक व्हिस्की का पेग बनाया, और एक सिगरेट भी जला ली। वो लड़की रूम में यहाँ-वहाँ घूम रही थी। काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी उसने।

मैं: नाम क्या है तेरा?

लड़की: सोनाली

मैं: दारू पीएगी?

लड़की: नहीं साब, मैं नहीं पीती।

मैं: हम्म्म। मस्त है साड़ी तेरी। एक काम कर, मेरे सामने आ यहाँ, और साड़ी निकाल।

मैंने टीवी पर सॉन्ग्स चला दिए, और दारू पीते-पीते उसको साड़ी निकालते हुए देखने लगा। उसने पूरी साड़ी उतार दी।

मैं: चल ब्लाउज और पेटीकोट भी उतार, सोनाली।

वो धीरे-धीरे अपने ब्लाउज के बटन खोलने लगी। देखते-देखते वो अपनी ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। मैं दारू पीते-पीते उसको ताड़ रहा था। फिगर तो मस्त था सोनाली का।

मैं: यहाँ आ, मेरे पैरों के बीच में बैठ जा। जब तक मैं दारू पी रहा हूँ, मेरे लन्ड को मुँह में ले।

वो आकर बैठ गई, और मेरे टॉवेल को हटा कर मेरे लन्ड को मुँह में ले लिया फिर से। अब वो धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगी। मैं अपनी सिगरेट और दारू धीरे-धीरे खत्म करने लगा, सोनाली को मेरे लन्ड को अपने मुँह में लेते देखते-देखते।

कुछ देर बाद मेरा ग्लास खत्म हुआ, और मेरा लन्ड भी फिर से सख्त हो गया था। मैं मूड में आ गया था। मैंने कहा-

मैं: चल सोनाली, कुतिया बन जा।

वो बेड पर जाकर कुतिया के पोज में आ गई। मैंने अपने लन्ड पर कंडोम चढ़ा लिया, और उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया। फिर उसकी पैंटी नीचे की, और उसकी गांड के छेद को ढूँढने लगा।

सोनाली: क्या कर रहे हो आप? चूत आगे है।

मैं: पता है, लेकिन गांड का छेद तो पीछे है न। वो ढूँढ रहा हूँ।

सोनाली: गांड में लेने का दो हजार एक्स्ट्रा लूँगी मैं।

मैं: चल ले लेना। अभी पहले गांड में तो ले।

ऐसे ही धीरे से लन्ड को उसकी गांड के छेद में डालने लगा। वो चिल्लाने लगी-

सोनाली: धीरे साब, आआआह्हा, आआआह्हा, धीरे डालो। धीरे डालो।

मैंने धीरे-धीरे करके पूरा लन्ड उसकी गांड में डाल दिया। फिर जोर-जोर से चोदने लगा। वो जोर-जोर से आह आह कर रही थी। धीरे-धीरे बोल रही थी, कि दर्द हो रहा है, धीरे करो।

मैं: दर्द के तो दो हजार एक्स्ट्रा ले रही है न।

और मैं उसको जोर-जोर से चोदने लगा। फिर 10 मिनट के बाद फिर से उसकी गांड पर सारा पानी निकाल दिया। उसके बाद थक कर बेड पर सो गया। सोनाली भी साइड पर थक कर सो गई।

सुबह आँखें खुली तो 6 बज रहे थे। सोचा नहा-धो कर मुंबई के लिए निकल जाऊँ। तभी साइड में सोनाली दिख गई। वो ब्रा में सो रही थी। यार फिर से मूड बन गया मेरा, और मैं उसके ऊपर चढ़ गया। मैं उसकी ब्रा उतारने लगा, और सोनाली उठ गई।

सोनाली: फिर से?

मैं: एक लास्ट बार चोद कर निकल जाऊँगा मैं।

सोनाली: चूत में डालना इस बार। गांड दर्द कर रही है अभी तक।

उसके बूब्स को मसलते-मसलते, लन्ड को उसकी चूत में घुसेड़ दिया। फिर जोर-जोर से धक्के मारने लगा। कुछ ही देर में पानी निकलने वाला था मेरा। तो मैं उसके मुँह के पास आ गया, और सारा पानी उसके मुँह पर निकाल दिया। फिर मैं नहाने चला गया, और रेडी होकर सोनाली को 10 हजार दे दिए पूरे।

मैं: मजा आया तेरे साथ। ये रख पूरे 10 हजार। रेडी होकर निकल जाना। मैं निकल रहा हूँ।

और मैं मुंबई के लिए निकल गया। यह थी मेरी सोनाली को चोदने की कहानी, कैसी लगी दोस्तों रिव्यू देना।

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