एक रात मैंने अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद घर लौटते समय अलीपुर से थोड़ा आगे, बाईपास की तरफ, एक खड़ी गाड़ी देखी। जैसे ही मैं गाड़ी के पास पहुंचा, मैंने देखा कि वहां एक महिला खड़ी है।
मैंने Approach करते हुए कहा, मैडम, क्या हुआ?
उसने जवाब दिया, लगता है गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो गया है।
मैंने कहा, यहाँ तो कोई पेट्रोल पंप नहीं है। क्या मैं मदद कर सकता हूँ?
उसने कहा, नहीं, कोई बात नहीं, मैं खुद ही कुछ कर लूंगी।
मैंने कहा, मैडम, इतनी रात को कौन आपकी मदद करेगा?
वो बोली, कोई जरूरत नहीं, आप जाओ।
मैंने फिर कहा, ठीक है, लेकिन अगर आपके पास कोई बोतल हो तो मुझे दें, मैं कुछ इंतज़ाम कर सकता हूँ।
उसने कहा, हाँ, गाड़ी में पानी की एक बोतल है। उसने वो बोतल मुझे दे दी और कहा, आपको ज्यादा कष्ट करने की जरूरत नहीं है।
मैंने कहा, इसमें कष्ट की क्या बात है? सिर्फ थोड़ा सा पेट्रोल भरना है।
उसने गाड़ी का ढक्कन खोला और मैंने बोतल में पेट्रोल भरकर उसकी गाड़ी में डाल दिया। फिर हमने थोड़ी देर बातचीत की। मुझे एहसास हुआ कि उसके मुँह से शराब की हल्की महक आ रही थी, इसलिए मैंने पूछा, जया जी, क्या आप पीती हैं?
वो थोड़ी संकोच में बोली, नहीं, बिल्कुल नहीं।
मैंने कहा, फिर ये महक क्यों है?
वो मुस्कराते हुए बोली, कुछ दोस्तों के कहने पर मैंने थोड़ी सी ले ली थी।
फिर मैंने कहा, अब आपको अपने घर जाना चाहिए। मेरे लिए भी देर हो रही है।
वो बोली, ठीक है, लेकिन अपना नंबर तो दे दो।
मैंने कहा, क्यों? आप मुझसे संपर्क करना चाहती हैं?
उसने कहा, हां, क्यों नहीं?
मैंने फिर अपना नंबर उसे दिया और हम एक-दूसरे को अलविदा कहकर अपने-अपने रास्ते चले गए।
अगले दिन सुबह-सुबह जया का फोन आया। नीतीश, कहाँ हो?
मैंने कहा, बस घर पर हूँ।
वो बोली, आज मुझसे मिलोगे?
मैंने कहा, आज नहीं, फिर कभी।
वो थोड़ी नाराज आवाज में बोली, नहीं, आज आना पड़ेगा।
मैंने कहा, नहीं, आज नहीं।
उस दिन मैं नहाने चला गया। 15 मिनट बाद मैंने देखा कि जया ने 15 मिस कॉल की हैं। मैंने फोन किया, तो उसने कहा, आप मुझसे बात नहीं करना चाहते?
मैंने समझाया, मैं तो नहा रहा था।
हम थोड़ी देर तक बात करते रहे और फिर मैंने उसे कहा कि मुझे उसके घर जाने की इजाजत नहीं है। लेकिन उसने जवाब दिया, आपको आना ही है।
आखिरकार मैंने कहा, ठीक है, अपना पता बताओ।
उसने बताया और मैंने उसे एक घंटे बाद मिलने की बात कही।
मैंने थोड़ा समय बिताया और फिर रोहिणी जाकर उसके दरवाज़े पर दस्तक दी। उसने दरवाज़ा खोला और मुझे अंदर बुलाया।
उसने मुझे बैठने के लिए कहा और पानी लाकर दिया। फिर, उसने कहा, नीतीश, मैं अपने पति से खुश नहीं हूँ।
मैंने पूछा, मैं आपकी कैसे मदद कर सकता हूँ?
उसने कहा, मैं आपके साथ “सेक्स” करना चाहती हूँ।
मैंने कहा, मैं ये सब काम पैसे लेकर करता हूँ।
वो बोली, मेरे लिए कोई बात नहीं, जो भी चाहिए, मैं देने को तैयार हूँ।
मैंने कहा, मुझे देर हो रही है, मुझे जाना चाहिए।
उसने कहा, नहीं, आज मैं अकेली हूं।
मैंने मना कर दिया और वो थोड़ा खिन्न हो गई। लेकिन मैंने उसे आश्वासन दिया कि मैं रात को 10:30 बजे मिलूंगा।
उसकी मुस्कान लौट आई और उसने मुझे गले लगा लिया। मैंने भी उसे चूमा और फिर अपने काम पर निकल गया।
उस दिन के बाद, मैं अपनी ड्यूटी जल्दी खत्म करके जया के घर गया। दरवाज़ा खुला और मैंने उसे चुम्बन दिया। हमने कुछ समय एक-दूसरे के साथ बिताया, बातें की और फिर उसने खाने-पीने का इंतज़ाम किया।
हम दोनों ने एक-दूसरे का साथ “सेक्स” किया। वक्त बीतने लगा और हमारे बीच की नज़दीकियाँ बढ़ती गईं।
8 से 10 मिनट तक हम दोनों लगे रहे, उसके बाद मैंने कहा- जया जी, कुछ खाने पीने के लिये तो होगा !
जया ने कहा- नीतीश आपने भी क्या बात कर दी? मैंने पहले से ही तैयारी करके रखी हुई है।
बस फिर टेबल पर जया ने सारा समान तुरन्त ही लगा दिया और दो बहुत ही बड़े-बड़े पैग बनाये, हम दोनों ने चियर किया और अपना अपना पैग खत्म किया। दोनों ने एक दूसरे को चूमा और थोड़ा सा खाया जो भी खाने के लिये जया ने रखा था।
और फिर हम दोनों आपस में लिपट गये और एक दूसरे के अंगों को मसलने लगे। 5 से 10 मिनट तक हम दोनों आपस में लिपटे रहे।
फिर मैंने कहा- जया, एक-एक पैग और हो जाये ! पर हल्का-हल्का !
जया बोली- नीतीश यार, आप कम पीते हो क्या?
मैंने कहा- जया, मैं बहुत ही कम लेता हूँ !
तो कहने लगी- ठीक है !
फिर जया ने दो पैग बनाये और फिर वही बड़े-बड़े और हम दोनों ने खत्म किये।