शीना की क्लास के साथ अब एक और क्लास शुरू हो गई थी। हालांकि शीना के साथ कुछ भी करना ठीक नहीं लगता था। लेकिन है तो लड़की ही, तो रोकना नहीं हो पाता।
कभी-कभी शीना से लंड चूस्वाकर करिश्मा की चूत मारता था। नीता मिली तो नीता की मार आती थी। या जो उपलब्ध हो उस समय। सिर्फ लोअर ही तो नीचे करना होता है, क्योंकि पैंटी पहनना तो मैंने उन्हें छुड़वा दिया था। कभी-कभी शीना की चूत भी मार लेता था।
लेकिन वो अभी भी अनजान थी। उसे अपनी बॉडी के रिस्पॉन्स तो पता थे। लेकिन उस पर कैसा रिस्पॉन्स सामने वाले को देना है, उसका कम आइडिया था। लेकिन धीरे-धीरे वो बहुत इम्प्रूव हो रही थी।
मैंने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया। जैसे चेयर पर बैठा हूँ, तो अपने पैरों को मेरी लाउडे पर रख देना, और ऊपर से उसे सहलाना। स्कर्ट को थाई से ऊपर करके मोटी जांघें दिखाना। और फिर चूत तक ले जाना। चोदने तो लगा था मैं पर काफी कम। हाँ, लंड चूसाई का पूरा काम करवाता था।
एक दिन जब क्लास लेने गया तो देखा उसके रूम में कोई लड़की बैठी थी। मुझे लगा कोई रिलेटिव वगैरह आया होगा। इतने में पीछे से शीना आई, और बोली-
शीना: सर, ये मेरी फ्रेंड जयश्री है। इसको भी कुछ टॉपिक समझने थे, तो ये आ गई।
जया: हेलो सर।
मैं: हाय।
जया: सर, वो फी का क्या स्ट्रक्चर रहेगा?
तुम पहले पढ़ लो 3-4 दिन। ठीक लगेगा तो देखते हैं।
जया: ओके।
मुझे लगा अगर ये आएगी तो फिर तो मज़े कम हो जाएँगे। ना शीना के साथ ना घर में किसी को चोद पाऊँगा।
उससे पहले जया के बारे में बता दूँ। जयश्री साउथ इंडिया से थी, और शीना की कॉलेज फ्रेंड थी।
उसका गोरा रंग तो नहीं था, लेकिन काला भी नहीं था, कुछ डस्की सा रंग था। गोल मुँह और उससे भी ज्यादा गोल उसके बड़े मम्मे। बैठी हुई थी, तो गांड और थोड़ी फैली लग रही थी। लेकिन थी बढ़िया एकदम भारी-भारी।
फिर क्लास शुरू हुई। उसने कुछ डाउट्स क्लियर किए, और कुछ शीना ने। शीना बीच-बीच में अपना हाथ मेरी जांघों पर रख देती थी। फिर मैंने उन दोनों को क्वेश्चन दिए, और बाहर शिकार के लिए आ गया।
मैं चूत ढूँढने लगा। तभी मुझे करिश्मा एक रूम में जाते दिखी। मैं भी उसके पीछे चला गया। वो एक रूम में जाकर सबसे लोअर रैक से कुछ निकाल रही थी झुककर।
पीछे से उसकी गांड और बाहर आ रही थी। इतने में ही मैं पीछे से गया, और लोअर नीचे करके चूत चाटने लगा। वो पहले तो शॉक हुई, फिर रिलैक्स हो गई। फिर मैंने लंड निकालकर चूत में पुश कर दिया, और चोदने लगा। थोड़ी ही देर में करिश्मा मोन करने लगी। मैंने स्पीड और बढ़ा दी, और करिश्मा की चूत में ही जा घुसा।
फिर मैंने कपड़े पहने और करिश्मा का लोअर ऐसे ही ऊपर करके बाहर आ गया। फिर क्लास में आ गया। लेकिन अभी भी वो सैटिस्फैक्शन नहीं मिली थी। शीना दोबारा छेदने लगी। ऐसे-तैसे 2-3 दिन निकले। मुझे कुछ डाउट हुआ। उस दिन शीना ने पैंटी नहीं दली थी, और शॉर्ट स्कर्ट में बैठी थी। बीच-बीच में चूत दिखा देती। ऐसा लग रहा था भूखे शेर को मांस दिखा रही हो।
फिर एकदम से मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ। जया के सामने ही मैंने उसे उठाया, और टेबल पर लगाकर उसकी चूत में घुस गया। फिर तेज़ी से चूत चाटने लगा। जीभ उसकी चूत में डाल ली। वो भी सरप्राइज़ हो गई, और मैं स्पीड से सकिंग करने लगा। जया साइड से नज़रों से देख रही थी।
वो भी गर्म हो रही थी ऐसा लग रहा था। मैंने मुँह बाहर निकाला, और जया की तरफ देखा। उसने अपना हाथ अपनी जींस में डाला हुआ था। मैं उठकर खड़ा हुआ, और उसके हाथ से सट्टा हाथ उसकी जींस में डाल दिया।
हाथ सीधा उसकी चूत में गया। उसने भी पैंटी नहीं पहनी हुई थी, और वो गीली हो रखी थी। वो थोड़ी सरप्राइज़ हुई, और ऐसे ही बैठी रही, और फिर मैंने दूसरा हाथ उसके एक चूचे पर रख दिया टी-शर्ट के ऊपर से ही और प्रेस करने लगा। क्या मोटे चूचे थे। इससे पहले वो कुछ बोलती, मैं उसके होंठों को चूसने लगा, और स्पीड मैंने फास्ट कर दी।
नीचे से चूत को दबाना। ऊपर से चूचे दबाना, और होंठ चूसना। वो भी साथ दे रही थी, लेकिन चूत वाली साइड हटाने की कोशिश कर रही थी। शायद दर्द हो रहा हो।
फिर मैंने मुँह हटाया और उसका टॉप उतारा। दो बड़े-बड़े खरबूजे बंधे थे, ऐसा लग रहा था। वैसे ही साउथ की लड़कियों का फिगर साधारण होता है। मैंने जल्दी से जयश्री की ब्रा ऊपर की, और उन दोनों परिंदों को देखते ही मुँह में भर लिया। कभी एक साइड, कभी दूसरी साइड से चूसने लगा।
मेरा एक हाथ अभी भी चूत पर चल रहा था। शीना ये सब देख रही थी। फिर मैंने जयश्री को खड़ा किया, और उसकी जींस का बटन खोला, और नीचे करने लगा। लेकिन उसकी मोटी गांड की वजह से नीचे ही नहीं हो रही थी। ऐसे-तैसे मैंने उसकी घुटने तक खिसकाकर उसे भी टेबल पर उल्टा खड़ा किया। फिर उसकी चूत देखी, क्या चूत थी।
मोटी-मोटी दो फांके, अलग-अलग, एकदम क्लीन। बस कलर थोड़ा ब्लैक था, लेकिन जैसे ही बेंड हुई, अंदर से एकदम लाल मांस। पीछे से ही उसकी चूत निहारने के बाद मैंने पूछा-
मैं: कभी चुदाई करवाई है?
जयश्री: हाँ, बॉयफ्रेंड के साथ।
मैं: क्या किया बीएफ ने?
जयश्री: वही यही सब।
मैं: क्या किया यही सब?
जयश्री: चुदाई।
मैं: हाँ तो तब से क्या ये वो कर रही थी?
लेकिन उसकी चूत देखकर लग ही नहीं रहा था कि चुदी थी वो। फ्रेश लग रही थी।
मैंने पूछा: क्या करता था बॉयफ्रेंड?
जयश्री: ऐसे ही ये निकालकर मेरे थाइस पर लगाकर हिलाता था। फिर थोड़ी देर बाद थककर लेट जाता था।
मैं: ये वो क्या? ये लंड है, ये चूत है, और ये इसके अंदर जाएगा तो झटका लगेगा।
जयश्री: नहीं अंदर नहीं जाएगा। यही लाइन के ऊपर चलेगा।
मैं समझ गया पेनिट्रेशन अभी नहीं हुआ था, और ऊपर-ऊपर से ही चुटिया झाड़ा जाता था। फिर मैंने जया को घुमाया और उसकी गांड को देखने लगा। इतनी बड़ी और गोल गांड थी। उस पर मैंने एक चम्मच लगाया, और शीना को बोला-
मैं: तुझको अलग से बोलना पड़ेगा? बगल में खड़ी हो जा आकर।
शीना भी उसके बगल में स्कर्ट खोलकर खड़ी हो गई। अब मैं दोनों को कंपेयर करने लगा, तो जया का सब कुछ बड़ा था। बस कलर बदल रहा था। शीना की चूत उतनी फूली नहीं थी, लेकिन पिंक कलर की थी। पतली-पतली वेइंस दिख रही थी।
फिर मैंने दोनों हाथों की मिडल फिंगर दोनों के मुँह में डाली और गीली करी। फिर दोनों की चूत में डाल दी एक साथ। शीना को तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन जयश्री उछल पड़ी।
जया: ये क्या है? मुझे दर्द हो रहा है। बाहर निकालो।
मैंने शीना को इशारा किया, और वो उसे किस करने लगी। फिर मैं थोड़ी स्पीड से उंगली फेरने लगा। जयश्री की लाल चूत देखकर और अच्छा लग रहा था। फिर मैंने उन दोनों को बैठने को कहा। वो दोनों बैठ गईं। मैंने अपना लोअर हटाया, और लंड एकदम बाहर आ गया। जिसे देखकर जयश्री बोली-
जया: ये तो बहुत बड़ा है।
मैं: तेरे बीएफ का कितना था?
जयश्री: उसका तो छोटा सा ही था।
मैं: यही होता है लंड, वो तो लुल्ली होगी फिर। तो अब भी है तेरा बीएफ?
जया: नहीं।
मैं: क्या हुआ?
जया: वो न्यूड्स माँगता था रोज रात को। कभी ब्रा में, कभी बिना ब्रा के, कभी बोलता था चूत की फोटो भेजो।
तो मैं नहीं भेजती थी।
फिर जब ओयो गए लास्ट टाइम तो कहने लगे कि एक वीडियो बना लूँ अकेले में देखूँगा। तो मैंने मना कर दिया। फिर हमारी लड़ाई हो गई। अब तब से मैं बात नहीं की उससे।
लेकिन मेरी चूत में भी पानी भरा था, तो मैंने शीना को बताया, और उसने आपके बारे में। फिर मैं यहाँ आ गई।
मैं: यहाँ क्या करने आई जया?
शीना कुछ नहीं बोली।
मैं: अच्छा तो तुम प्लान से आई थी चुदने के लिए। तो बोला क्यों नहीं? 3 दिन वेस्ट कर दिए। दोनों कुछ नहीं बोलीं।
शीना: मैंने हिंट दिया था आपको। आप ही शर्मा रहे थे।
मैं: ऐसे हिंट नहीं समझ आते। सीधा चूत खोलकर खड़ी हो जाओ तब ही लंड मिलेगा। यहाँ कोई प्लेबॉय थोड़ी चल रहा, जो इतना दिमाग लगाए।
जयश्री, तो तुम चूत में लंड लोगी?
जयश्री: हाँ।
मैं: तो चलो तैयार करो इसको।
जयश्री: कैसे?
मैं: मुँह में लेकर।
जया: वो ये सब कुछ नहीं करता था।
मैं: इसी में मज़ा है।
तभी शीना ने लंड चाटना शुरू कर दिया, और जया देख रही थी। शायद वो सोच रही थी कि ये इसे कैसे चाट सकती है। फिर मैंने एक हाथ उसके सिर पर रखा, और लंड का टॉप उसके होंठों पर टच करने लगा। शुरू में उसे अजीब लगा। फिर धीरे-धीरे वो भी हाथ से पकड़कर अंदर-बाहर करने लगी।
मैंने पूछा: बॉयफ्रेंड से कभी नहीं चुदवाया?
जयश्री: बोलता तो था, लेकिन मैं मना कर देती थी।
मैं: अब कैसा लग रहा है?
जैसे ही वो मुँह से कुछ बोलने के लिए हुई, मैंने उसका सिर पकड़ा, और जोर से चोदने लगा, और बोला-
मैं: अच्छा ही लगेगा।
शीना देखकर हँस रही थी। मैंने शीना को मोबाइल दिया एक वीडियो बनाने को। उसने एक वीडियो बनाई जिसमें जयश्री का मुँह चोद रहा था मैं। फिर 1 मिनट बाद रुका और लंड बाहर निकाला। जया तेज-तेज साँसें ले रही थी। फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया, और दोनों टाँगों के बीच में आ गया।
फिर गांड के छेद के पास लंड रखा, और वहाँ से चूत के एंड तक रब करने लगा। मैंने फिर जया से पूछा-
मैं: कैसा लग रहा है?
जया: अच्छा लग रहा है, थोड़ा तेज़ करो।
मैं समझ गया था ये इसी को चुदाई समझती थी। फिर लंड ऊपर से ही रब करने लगा, और पूछा-
मैं: बीएफ ऐसे ही करता था?
जयश्री: हाँ।
मैं: और फिर झटका कहाँ था?
जयश्री: यही साइड में जामें पर।
मैंने अब हल्की सी चूत खोली, और लंड का टॉप हल्का सा उस पर रखा।
फिर पूछा: यहाँ कैसा लग रहा है?
जया: थोड़ा अजीब सा लग रहा है।
मैंने थोड़ा पुश किया, और चूत में टॉप घुसा दिया। उसे पेन हुआ।
जयश्री: हट्टो, मुझे दर्द हो रहा है। ये कहीं गलत चला गया है।
मैं: गलत नहीं, आज सही गया है। इसे बोलते हैं चुदाई।
और ये बोलकर मैंने एक झटका और दिया, और आधा लंड चूत में। वो जयश्री की दर्द में चीख निकल गई।
उसके दोनों बूब्स इधर-उधर भाग रहे थे, और मैं आधे लंड से ही जोर-जोर से झटके दे रहा था। फिर मैंने दोनों हाथों से उसके दोनों चूचे पकड़े, और थोड़ा और लीन हुआ उसके ऊपर। फिर एक झटका और मारा और पूरा लंड अंदर।
इससे पहले वो चिल्लाती, उसके होंठों को मैं चूसने लगा। फिर मैंने नीचे से स्पीड में चोदने लगा। 2 मिनट चोदने के बाद मैं हटा। तब देखा नीचे सब लाल-लाल था। आज उसकी वर्जिनिटी टूटी थी। वो डर गई। फिर मैंने उसे समझाया तब वो मानी। लेकिन उसको एंड में मज़ा आ रहा था। फिर मैंने लंड वाश किया, और कंडोम रिमूव किया, और फ्रेश कंडोम लगाकर लेट गया।
मैंने शीना को अपने ऊपर आने को कहा। शीना ऊपर आई, दोनों टाँगें फैलाकर लंड को चूत पर सेट किया, और बैठ गई। आधा लंड अंदर गया, और वो ऊपर-नीचे होने लगी। जयश्री को वॉशरूम भेज दिया था। अब मैं शीना को चोद रहा था। फिर शीना को पूरा बिठा दिया। अब वो लोड पर बैठकर गांड आगे-पीछे करने लगी।
मैंने उससे पूछा: ये सब कहाँ से सीख रही हो?
तो उसने बताया: आजकल पॉर्न देख लेती हूँ, तो वहाँ से सीखा।
मैंने सोचा चलो अच्छा है। फिर उससे पूछा-
मैं: थ्रीसम भी देखा है?
उसने कहा: हाँ।
मैंने कहा: आ करते हैं।
फिर उसे ऐसे ही गोड में लेकर मैं बाथरूम आ गया जहाँ जया चूत वाश कर रही थी। उसी के सामने शीना को हवा में उछाल-उछाल कर चोदने लगा। फिर उसको हटाकर मैंने शावर ऑन किया, और जयश्री की पीठ चाटने लगा। मेरे लंड पर कंडोम नहीं था, तो ज्यादा अच्छा फीलिंग आ रही थी। थोड़ी देर बाद मुझे झटका जैसा लगा, तो मैंने दोनों को बिठाकर उनके मुँह पर झटका दिया। शावर ऑन था, तो सब पानी में चला गया। फिर हम बाहर आकर कपड़े पहने। और फिर जयश्री से पूछा उसको कैसा लगा। उसने कहा अच्छा लगा।
मैं: फिर अब मेरे साथ ओयो कब चल रही हो?
जया: जब तुम ले चलो।
मैं: अकेले में और बुरा चोदूँगा।
जया: आज वाला भी बुरा ही था।
मैं: अच्छा अभी तो गांड भी रह गई है तुम्हारी।
जया: नहीं वो नहीं मिलेगी।
मैं: नहीं मिलेगी। पहले शीना की मारूँगा, फिर तुम्हारी।
जया: ना बाबा ना।
मैं: चलो देखते हैं।
शीना इतने में नशे में आ गई। फिर हमने खाया-पिया।
मैं खुश था कि चलो एक और चूत मिल गई। नीता की चूत के तो दर्शन नहीं मिल रहे थे।