युवराज मेरी चुदाई करता है और मुझे पैसे भी देता था। कुछ दिन वो कैंपस में नहीं था। मैं उस वक्त बहुत तड़प रही थी चुदाई के लिए। फिर पूजा ने मुझे कुतिया बनाया और मेरी तड़प मिटाई।
लेकिन फिर भी लंड के साथ मुझे ज्यादा मज़ा आता है। फिर युवराज मुझे कॉलेज में मिलता है और मिलते ही वो मुझे कॉर्नर में ले चलता है। उसका हाथ मेरी पैंटी के अंदर डालकर मेरी चूत पड़क देती है। मैं कुछ रिएक्ट नहीं करती।
वो मुझे नेक्स्ट डे फ्री रहने को बोलता है और चला जाता है। मुझे नहीं पता किसी ने देखा या नहीं। लेकिन मैं बहुत एक्साइटेड थी उसके साथ चुदने के लिए।
अगले दिन वो मुझे चुपके से अपने रूम में ले जाता है और उसके दोनों दोस्त करण और नवीन भी वहीं थे। हम सबने कुछ बातें की लेकिन मैं उनके जाने का इंतज़ार कर रही थी। मुझे युवराज के लंड पे उछलना था, मेरे बिहेवियर देखकर युवराज समझ गया।
युवराज: सारा, आज कुछ न्यू ट्राई करते हैं?
मैं: जैसे क्या?
युवराज: इन दोनों को तुझे चुदते हुए देखना है।
मैं: क्या? पागल हो क्या तुम!
युवराज: इसमे कैसी शरम, वैसे भी ये दोनों उसके पैसे देंगे तुझे। 500-500 और मेरा 1000।
मैं: तुम्हे क्या लगता है मैं पैसों के लिए ये सब करती हूँ?
युवराज: अच्छा ठीक है तो अब से तेरी फ्री में चुदाई करूँगा।
मैं: (सोच रही थी अगर देखते हैं तो देखने दो, मुझे क्या प्रॉब्लम है) अच्छा ठीक है लेकिन दोनों से 500 लूँगी।
युवराज: 500 देंगे तो कुछ करेंगे भी।
मैं: क्या मतलब है तुम्हारा?
युवराज: दोनों ने आज तक किसी लड़की को टच नहीं किया, इसलिए दोनों सिर्फ तुझे अच्छे से टच और थोड़ा फिजिकल होना चाहते हैं। चुदाई सिर्फ मैं ही करूँगा।
मैं: अच्छा ठीक है, जैसा चाहो टच कर सकते हो। (मुझे लगा था सिर्फ बूब्स और गांड टच करेंगे।)
युवराज: नंगी हो जा अब।
मैं अपने कपड़े निकाल रही थी और वो दोनों मुझे घूरते जा रहे थे। मैं सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी लेकिन युवराज ने इशारे से वो भी निकालने को कहा। मैं बिना कुछ बोले नंगी हो गई।
दोनों फाइट करने लगे और फिर नवीन आया मेरे पास और उसने मेरे बूब्स को मसला और फिर गांड को सहलाने लगा। उसने जोर से थप्पड़ भी मार दिया गांड पर। फिर वो उसके कपड़े निकालने लगा।
मैं: ये क्या कर रहे हो?
नवीन: टच ही करूँगा तुझे, लेकिन नंगा होकर।
मैं: ये नहीं होगा।
युवराज: ये दोनों सिर्फ टच ही करेंगे तुझे।
नवीन सिर्फ अंडरवियर में मेरे सामने खड़ा हो गया, उसका हार्ड लंड क्लीयर दिख रहा था। मुझे जोर से हग कर दिया और उसका लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा जैसे चूत में लंड डाल रहा हो। मैं गीली होती जा रही थी।
फिर उसने मुझे ले लिया और मेरे ऊपर आ गया। अब वो मुझे जोर-जोर से शॉट लगा रहा था लेकिन उसका लंड अंडरवियर में ही था। मेरे बूब्स हिल रहे थे उसके शॉट के साथ और वो उन्हें मसल रहा था।
मैं भी हल्के से चिल्लाने लगी वो देखकर वो और भी जोश में आ गया और उसका कम उसकी अंडरवियर में ही निकल गया। मैं वो अपनी चूत में फील कर सकती थी। फिर वो मेरे ऊपर से हट गया।
लेकिन मुझे पता था करण भी ऐसा ही कुछ करेगा इसलिए मैं वहीं लेटी रही अपने लेग्स फैलाकर। करण मेरे सामने आता है और उसके कपड़े निकाल देता है और अंडरवियर एडजस्ट करता है। तब मैंने देखा कि उसके लंड पर बाल हैं।
वो मुझे खड़ी करता है और मेरी गांड को स्लैप करने लगता है जोर-जोर से। वो बूब्स को मसलकर मेरी चूत को भी सहलाता है।
करण: भाई, आपकी रंडी तो अभी से गीली हो गई।
मैं ब्लश करके नीचे देखने लगती हूँ। उसने मेरा हाथ पकड़कर उसके लंड पर रखा। मैं थोड़ी देर उसके लंड को सहला लेती हूँ अंडरवियर के बाहर से। फिट वो मुझे कुतिया जैसे बैठाकर मेरी चूत पर उसका लंड रगड़ता है।
मुझे बैक शॉट देना शुरू करता है। उसने मेरे बाल भी खींचे जोर से जिस वजह से मैं चिल्लाने लगी, और मेरे बूब्स भी झूल रहे थे उसके शॉट के साथ। उसके शॉट से मुझे पता चल गया कि अगर वो कितनी बेरहमी से चुदाई कर सकता है।
कुछ देर में उसका भी कम निकल गया। और वो मैं फील कर सकती थी अपनी चूत पर। फिर युवराज उसके कपड़े निकाल देता है और मैं उसके सामने घुटनों पर बैठ जाती हूँ। उसका लंड अब सॉफ्ट और छोटा था।
मैं बिना रुके उसके लंड को चूमकर उसे चाटने लगी। फिर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी, उसका लंड मेरे मुँह में ग्रो करने लगा और अब वो मेरे मुँह की चुदाई शुरू करता है।
मेरे गले तक उसका लंड पहुँच रहा था और और उसे और जोर से पुश करता है। पूरा लंड मेरे मुँह के अंदर था। मैं तड़प रही थी लेकिन उसने लंड नहीं निकाला, मैं कुछ नहीं कर सकती थी उस वक्त।
कुछ देर में उसने लंड निकाल दिया और मैं बड़ी-बड़ी साँसें लेने लगी। मेरा थूक मेरे बूब्स पर गिर रहा था। मैं फिर से उसका लंड चूसने लगती हूँ और फिर उसके बॉल्स को भी।
युवराज मेरे मुँह में थूक देता है और फिर मुझे थप्पड़ लगाकर थाड़ी करता है। मेरी गांड में 3-4 स्लैप करके मेरी गांड के छेद पर लंड को रगड़ता है। करण और नवीन दोनों मेरे सामने थे और मज़े ले रहे थे।
तब ही युवराज मेरी गांड में अपना लंड डाल देता है और मेरी चीख निकल गई है। कुछ शॉट देने के बाद उसका पूरा लंड मेरी गांड में चला गया। और अब वो पीछे से मेरा गला दबाकर चुदाई करने लगा और मैं चिल्ला रही थी।
लेकिन मेरी नज़र उसके दोस्तों पर थी। मेरे बूब्स बाउंस होते जा रहे थे हर शॉट के साथ। फिर युवराज मुझे झुकाकर नवीन के पास ले जाता है। नवीन का लंड अंडरवियर को फाड़कर बाहर आने के लिए तड़प रहा था और मेरा मुँह उसके ऊपर था।
तब ही नवीन उसका लंड निकालकर हिलाने लगता है और युवराज मुझे और झुका देता है। लेकिन मैं नहीं झुकती, लेकिन मेरी नज़र नवीन के लंड पर थी। मन कर रहा था उसके लंड को मुँह में ले लूँ लेकिन मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया।
युवराज अब ज्यादा जोश में आ गया और उसने और तेज़ी से मेरी चुदाई शुरू की। मैं अभी भी नवीन के लंड के सामने थी। युवराज जोर से लंड मेरी गांड में डालकर कम निकाल देता है।
फिर मेरी गांड पर स्लैप करके मुझे नवीन के धक्के देता है। मैं उस पर गिर जाती हूँ और मेरा हाथ उसके लंड पर लग जाता है। लेकिन मैं खड़ी होकर युवराज की गोद में बैठ जाती हूँ और हाथ से उसके लंड को सहलाने लगती हूँ।
कुछ देर बाद युवराज फिर से हार्ड हो जाता है और वो मुझे बेड पर ले जाता है। वो पहले लेट जाता है और मुझे उसके ऊपर आने को बोलता है। मैं उसके लंड पर बैठती हूँ और वो लंड मेरी चूत में डाल देता है।
अब मैं धीरे-धीरे उसके लंड पर उछलना शुरू करती हूँ और पीछे से दोनों दोस्त मुझे देख रहे होते हैं। युवराज मेरे बूब्स को मसल रहा था और मैं अब और तेज़ उछलने लगी।
तब ही युवराज ने मुझे टाइटली हग किया और मेरी चूत की चुदाई शुरू की। मेरा जिस्म उसके जिस्म पर था और वो लंड को तेज़ी से मेरी चूत में इन और आउट कर रहा था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
लेकिन तब वो रुक गया तो मेरी गांड में एक थप्पड़ लगा और मैंने पीछे देखा तो वो करण था। उसके लंड पर थूक लगाकर रगड़ रहा था। मुझे पता चल गया क्या होगा अब। मैं खड़ी होने की कोशिश कर रही थी।
लेकिन युवराज ने बहुत ही टाइटली पकड़ा था। करण भी मेरे बदन को जोर से दबाकर उसका लंड मेरी गांड में डाल देता है। मैं दर्द से मारी चिल्लाने लगी। लेकिन वो दोनों नहीं रुके।
दोनों मिलकर मेरी चुदाई शुरू करते हैं और कुछ ही शॉट के बाद करण पूरा लंड मेरी गांड में डाल देता है। दोनों का लंड ने चूत और गांड में जाते हुए फील कर सकती थी।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन कुछ देर बाद वो दर्द से मज़ा आने लगा। अब मैं वहाँ से निकलने की कोशिश नहीं की और उन दोनों के लंड पर उछलने लगी। ये देखकर दोनों ने मेरे हाथ और बदन को छोड़ दिया।
पूरा जोश मेरी चुदाई में लग गया। दोनों मेरी गांड पर स्लैप करते जा रहे थे और लंड भी सिंक में डाल रहे थे। मैं दोनों लंड पर मज़े से उछल रही थी। तब नवीन मेरा सर पकड़कर उसका लंड मेरे मुँह में डाल देता है और चुदने लगता है।
मैं उसका लंड मेरे मुँह में ले लेती हूँ। जब दो लंड से चुदाई हो ही रही है तो एक और आ जाए तो क्या दिक्कत होगी। वो तीनों मेरे छेद में बेरहमी से लंड डालते जा रहे थे। मैं चिल्ला भी नहीं सकती थी।
कुछ ही देर में करण ने मेरी गांड में कम निकाल दिया। नवीन भी मेरे मुँह में निकाल देता है, मैं वो निगल गई। युवराज अभी भी मेरी चूत की चुदाई कर रहा था।
करण मेरे मुँह में अपना लंड डाल देता है और मैं उसे चूसने लगती हूँ। जब तक वो फिर से हार्ड न हो जाए। युवराज थोड़ी देर में मेरी चूत में ही कम निकाल देता है और मुझे उठाकर बेड पर फेंक देता है।
अब तक नवीन और करण फिर से रेडी हो जाते हैं मेरी चुदाई करने के लिए। करण मुझे अपनी गोद में बिठा देता है और उसका लंड मेरी चूत में डाल देता है। नवीन पीछे से मेरी गांड में डाल देता है।
इस बाद दोनों पहली ही बार में मेरी चूत और गांड में पूरा लंड डाल देते हैं। मैं अच्छे से उछल रही थी और वो भी तेज-तेज चुदाई करने लगते हैं। वो दोनों मेरे जिस्म को थप्पड़ मारकर मेरी चुदाई कर रहे थे।
आज पहली बार दो लंड से एक साथ चुद रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। भाईजान और उनके दोस्त भी मेरी चुदाई करते थे लेकिन कभी एक साथ नहीं किया। दोनों ने भी मेरे अंडर ही अपना कम निकाल दिया।
अब हम सब थक गए थे। लेकिन युवराज अभी भी मेरी चुदाई करना चाहता था। उसने मुझे उसके लंड पर बिठा दिया और लंड को गांड में डाल दिया। मैं उसके लंड पर उछल रही थी।
युवराज मेरे पीछे था और उसके दोनों दोस्त मुझे देखते हुए फिर से उनका लंड हिलाने लगे। नवीन आगे से मेरी चूत में उसका लंड डाल देता है इस बार। दोनों मिलकर मुझे चुदते जा रहे थे।
मैं करण के लंड को पकड़कर अपने मुँह में ले लेती हूँ और चूसने लगती हूँ। मेरे मुँह में जाते ही वो हार्ड हो जाता है और उसने भी मेरे मुँह की चुदाई शुरू कर दी। वो तीनों मेरी चुदाई करते रहे जब तक कम निकल नहीं जाता।
फिर लंड निकालकर उन्होंने कपड़े पहन लिए और मैं वहीं नंगी लेटी रही।
करण: भाई, क्या बात रंडी ढूँढी है तुमने।
नवीन: हाँ भाई, मज़ा आ गया इसकी चुदाई करके।
युवराज: मज़े करो तुम दोनों, ये रंड चुदने के लिए कुछ भी कर सकती है।
मैं: ये तुम दोनों का फर्स्ट टाइम नहीं था न! (तीनों हँसने लगे)
नवीन: तेरे जैसे बहुत रंडियाँ पेली हैं हमने।
करण: लेकिन तेरे जितनी भूखी नहीं देखी। (उसने मुझे 2000 दिए)
मैं: ये तो बहुत कम है, मैं क्या सड़कचाप रंडी लगती हूँ तुम्हें! और तुम सबने उससे ज्यादा मेरे साथ किया है।
युवराज: जैसे तुम तो लंड लेना ही नहीं चाहती थी (सब हँसने लगे)। 500 की जगह दोनों ने 1000 दिया है, और मैं तो तुझे कभी भी फ्री में चुद सकता हूँ।
मैं वो पैसे लेकर चली गई, रूम पर आते ही मैंने हॉट शावर लिया और उस दिन मैं उनके लंड के बारे में सोच रही थी। रात को ये सोचकर मैंने अपनी चूत में उँगलियाँ भी की।
लेकिन उस दिन के बाद बहुत सारे हॉस्टल के बॉय्स से मैं चुदने लगी और उनसे पैसे भी मिलते थे। सब मेरी चुदाई करना चाहते थे और मैं सबको मौका देती थी।
मैं ज्यादा पॉपुलर थी क्योंकि मैं उनका मन करे तब तक मेरी चुदाई करने देती थी। जब तक सैटिस्फाई न हो जाते। मॉस्टली सारे 2-3 बार तो मेरी चुदाई करते ही थे एक साथ। ये सब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।