फार्म की ओनर भाभी और उनके पति महीने में एक या दो बार अहमदाबाद से फार्म पर आते हैं, और सब काम देखते हैं। मालकिन और उनके पति जब भी फार्म पर आते हैं, तब मुझसे काम के बारे में पूछते हैं।
भाभी का नाम शिवानी और उनके पति का नाम साहिल है। वो लोग दिवाली और गर्मी की छुट्टियों में, यहाँ 15 दिन तक छुट्टियाँ गुजारने आते हैं। मालकिन का फिगर बहुत ही हॉट है। जब वो छुट्टियों में और महीने में एक या दो बार आती है, तब मेरी नजर उनसे हटती ही नहीं।
उनके दो बूब्स उछलकर बाहर आने के लिए कूद रहे होते हैं। उनकी गांड भी बहुत अच्छी लगती है। जब वो चलती है, तब देखने का बहुत मजा आता है। उसके फिगर का साइज मुझे एक्जैक्टली तो नहीं पता, पर 34-32-36 लगता है।
मालकिन और उसके पति एक काम से आए थे। काम शुरू होकर 2 दिन हुए, तब उनके पति साहिल को ऑफिस के काम से वापस अहमदाबाद जाना पड़ गया। पर मालकिन यहाँ पर ही रुक गई, क्योंकि काम शुरू था। मैं भी मन ही मन खुश हो रहा था कि अब मालकिन को अच्छी तरह से देख पाऊँगा।
एक दिन शाम की बात है। मालकिन अपने कमरे में बैठी थी। तब उन्होंने मुझे अंदर से आवाज लगाई। मैं अंदर कमरे में गया। उन्होंने मुझे कहा मेरे लिए ये सामान ला दो। फिर मैं उनके लिए सामान लेने गया, और थोड़ी देर के बाद मैं उनका सारा सामान लेकर वापस आ गया।
तब मैंने बाहर से उन्हें बहुत आवाज लगाई, पर उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। फिर मैंने धीरे से दरवाजा हाथ लगाया, तो वो खुला हुआ ही था। बाद में मैं धीरे से अंदर गया, और मैंने सारा सामान हॉल में टेबल पर रखा।
रूम में मालकिन को बताने गया कि मैं सारा सामान लेकर आ गया था। रूम का दरवाजा बंद था। मैं रूम की तरफ आगे बढ़ ही रहा था, तब मुझे आह आह की आवाज सुनाई दी।
मैं दबे पाँव रूम की तरफ बढ़ रहा था। मैंने देखा रूम के बाहर आकर, कि मालकिन अपने कमरे में अपनी दो उंगलियाँ अपनी पुस्सी में डालकर फिंगरिंग कर रही थी। वो जोर-जोर से आवाजें निकाल रही थी।
उसे देख मेरी पैंट के अंदर ही पहाड़ बन गया। मेरा लुंड पत्थर की तरह टाइट हो गया, और मैं सोचने लगा कब डालू उसके अंदर। तब उसने मुझे वहाँ पर खड़ा देख लिया, और रूम का दरवाजा खोला।
मालकिन बोली: तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
तो मैंने कहा: आपका सारा सामान आ गया है, और कुछ?
उन्होंने कहा: जी नहीं।
बाद में मैं अपने कमरे में आ गया, और उसके बारे में सोचकर मैंने भी मुठ मार ली।
दूसरे दिन मैंने उनसे पूछा: साहब कब आने वाले हैं वापस?
उन्होंने मुझे कहा: वो अब नहीं आने वाले। मैं काम खत्म होने के बाद वापस चली जाऊँगी।
मैंने सोचा ये अच्छा मौका था उसे चोदने का। और उसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकता मैं। वैसे भी वो रंडी ही थी, और तुरंत मान जाएगी।
एक रात को जब मैं खाना खाकर अपने रूम से बाहर आया, तब मैंने देखा मालकिन साड़ी में थी। वो ग्रीन रंग के डीप नेक ब्लाउज में टेरेस पर चक्कर लगा रही थी। मैंने सोचा आज बहुत अच्छा मौका है, उसे चोदने का।
मैं हल्के पाँव घर के अंदर गया। मैंने देखा कि वो फिंगरिंग की तैयारी कर रही थी। मैं थोड़ी देर तक रूम के बाहर दरवाजे पर खड़ा रहा, और देखता रहा। बाद में मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाकर कमरे में जाने का फैसला किया, और उसे पीछे से पकड़ लिया। वो मुझे देख चौंक गई, और मुझे डाँटने लगी।
मैंने कहा: डाँटिए मत। यहाँ आपके और मेरे अलावा कोई नहीं है। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, और आपको मजा भी पूरा आएगा।
ये सुनकर वो बोली: आप ये क्या कर रहे हो? ये गलत है। आप मुझसे बहुत बड़े हो।
मैंने उससे कहा: इसमें एज का कोई मतलब नहीं। तुम्हें जो चाहिए, वो मेरे पास है।
वो बोली: मुझे कुछ नहीं चाहिए।
बाद में मैंने उससे कहा, कि मैंने उसे उस दिन देख लिया था। ये सुनकर वो थोड़ी देर चुप हो गई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करना शुरू किया, पर उसने अपने लिप्स मुँह के अंदर दबा लिए, और मेरा साथ नहीं दिया। फिर मैं उसकी नेक और चीक्स पर किस करने लगा तो उसने अपना मुँह मोड़ लिया।
वो मेरी बाहों से निकलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसे और कसकर पकड़ लिया। मैं उसके बूब्स और ऐस पर हाथ घुमाने लगा, तब वो थोड़ी दहल पड़ गई। फिर मैंने उसकी कमर और पुस्सी पर हाथ घुमाया, तो मैंने महसूस किया कि उसकी पुस्सी टाइट और गीली हो चुकी थी। तब मैंने सोचा उसे भी अब मेरे साथ चोड़ना था।
मैंने अपने दोनों हाथों से उसका मुँह पकड़ा, और उसकी नेक और चीक्स पर किस किए। अब उसे कोई इतराज नहीं था, क्योंकि वो भी अब मेरे साथ वसना में दोबी थी। बाद में मैंने उसके लिप्स पर किस करना शुरू किया। मालकिन भी अब किस करने में मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में और मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डालने की शुरुआत कर दी।
हम दोनों ने 10 मिनट तक एक-दूसरे को लिप किस किया। ये सब करते-करते मेरी पैंट के अंदर मेरा लोड़ पहाड़ की तरह खड़ा हो चुका था। मालकिन वो देखकर बोली-
मालकिन: ये क्या है?
मैंने कहा: आज रात इसी हथियार से मैं आपको पेलूँगा।
वो बोली: मैंने इतना बड़ा लोड़ा आज तक नहीं देखा। मेरे पति का लोड़ा तो सिर्फ 4 इंच का ही है।
बाद में मैं वो बाहर से ही मेरे लोड़े को चूसने लगी, और मैं उसके बूब्स को दबाने लगा। उसके बूब्स को छूते ही मेरे अंदर अजीब सी सुर्ती आ गई। मैं अपने रफ हाथों से उसके बूब्स को दबा रहा था। बाद में मैंने उसका पल्लू खींचा, और पीछे से ब्लाउज की डोरी खोली, और ब्लाउज के बटन खोलने लगा।
वो भी इस सब में मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने उसका ब्लाउज उतारा, और साइड में रखा। उसने पिंक और ब्लैक मिक्स कलर की ब्रा पहनी हुई थी। मैंने पीछे से ब्रा को खोलना चाहा, पर उसने कहा ये आगे से खुलती है।
फिर मैंने आगे से उसकी ब्रा खोली, और उसे निकालकर उसके मुँह पर रखी। मैं अब उसके बूब्स चूसने लगा। उसके बूब्स देखकर ऐसा लग रहा था जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो। मैं उसके राइट और लेफ्ट दोनों बूब्स एक के बाद एक चूस रहा था, और वो मेरे बालों पर अपने हाथ फेरती हुई सिसकियाँ ले रही थी।
उसके वो दो दूध जैसे सफेद बूब्स चूसने का बड़ा मजा आ रहा था। बाद में मैं फिर थोड़ी ऊपर जाकर उसकी नेक पर किस किया, और उसके लिप्स पर भी किस किया।
वो बोली: अब मेरी बारी।
फिर उसने मेरी पैंट का बटन खोला, और जिप खोलकर मेरी पैंट नीचे की। बाद में उसने मेरे अंडरवियर को भी नीचे किया, और मेरा 9 इंच का लंबा मोटा काला अनाकोंडा देखकर वो डर गई।
मैंने कहा: क्या हुआ?
वो बोली: ये क्या है?
मैंने कहा: लोड़ा है।
वो बोली: इतना बड़ा।
बाद में मैं धीरे से उसने मेरे लोड़े को सहलाया, और देख रही थी। तब ही मैंने मौका देखकर अपने लोड़े के टॉप को उसके मुँह में डाल दिया। मेरा आधा लोड़ा वो अपने मुँह में ले रही थी। बाद में मैंने उसके बाल और सिर को पकड़ा, और अपना पूरा लुंड उसके मुँह में डालने लगा।
10 मिनट तक ये चला। फिर मेरा थोड़ा जूस उसके मुँह पर गिरा, और वो थोड़ी गटक गई। बाद में वो खड़ी हुई, और मुझे लिप किस करने लगी। मैंने उसे अपनी गोद में उठाया, और पास में एक टेबल पड़ा था, उसके पास नीचे उतारा। बाद में मैंने उसकी साड़ी निकाली, और उसका पेटीकोट भी निकाला।
अब उसने सिर्फ पैंटी पहनी हुई थी। उसमें वो सेक्सी लग रही थी। अब मैंने उसे टेबल पर बिठाया, और उसके पैरों के बीच में खड़ा होकर उसकी थाईस चाटने लगा। फिर ऊपर आकर उसकी थाईस चाटते हुए उसकी पैंटी थोड़ी साइड में करके उसकी पुस्सी चाटना शुरू कर दिया।
वो जोर-जोर से सिसकियाँ लेने लगी आह आह आह। मैं उसकी पुस्सी को ऐसे चाट रहा था जैसे कोई कुत्ता चाट रहा हो। 20 मिनट तक उसकी पुस्सी चाटने के बाद मैं उसके बूब्स चूसने लगा।
तब उसने कहा: अब शुरू करो ना मुझे चोदना।
मैंने कहा: यस बिच, आई विल फक यू।
वो गुजराती थी, और गुजराती लैंग्वेज में ही ज्यादा बोल रही थी।
उसने मुझसे पूछा: कंडोम है?
मैंने कहा: नहीं।
तो उसने कहा: अब फिर कैसे चोदोगे बिना कंडोम के?
मैं सोच में पड़ गया। फिर उसने कहा: कोई बात नहीं, मैं मेडिसिन ले लूँगी।
ये सुनकर मेरे मुँह पर मुस्कुराहट आ गई। बाद में मैंने उसे उठाया, और बेड पर ले गया। वो फिर से मेरे मुँह में लेने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने अपने लोड़े का टॉपा उसकी पुस्सी के सामने सेट किया, और धीरे से अंदर डालने की कोशिश की।
वो चिल्लाई आह। मैंने दूसरा धक्का देकर मेरा लोड़ा फिर थोड़ा अंदर घुसाया। 4 या 5 झटके के बाद मेरा पूरा लोड़ा उसकी पुस्सी में घुस गया।
वो बोली: हे भगवान कितना बड़ा है आपका। मैंने ऐसा नहीं देखा।
बाद में मैंने स्पीड बढ़ाई और मेरा लोड़ा जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा। वो चिल्लाती रही और मजे लेती रही। मुझे भी 12 साल बाद सेक्स करके बहुत मजा आ रहा था, क्योंकि मेरी बीवी की डेथ के बाद मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था। आज मेरी वो ख्वाइश भी पूरी हो गई थी।
15 मिनट के बाद मैंने अपना लोड़ा पूरी तरह से बाहर निकाला। उसकी पुस्सी से पानी बहने लगा था। 15 मिनट में वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मुझसे लिपटकर थोड़ी देर लेटी रही।
थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा: अब तुम डॉगी बन जाओ।
वो बोली: अभी नहीं, कल करेंगे।
मैंने कहा: नहीं आज मैं पूरी रात आपको ठोकूँगा। आपकी पुस्सी का मुझे भंसड़ा बनाना है।
वो बोली: आज नहीं कल करेंगे। आज मैं बहुत थक चुकी हूँ।
और फिर वो सो गई।